Sunday, 11 March 2018

मजाहिया ग़ज़ल- वो करेंगे दम हमारी नाक में


क्या पता था हम हैं जिनकी ताक में।
वो करेंगे दम हमारी नाक में।।

अहलिया की ख्वाहिशें थमती नहीं।
वो उड़े हैं अर्श में, हम ख़ाक में।।

यूं बहस होने लगी बीवी से कल।
ज्यों छिड़ा हो युद्ध भारत पाक में।।

घर के भीतर खौफ़ का माहौल है।
आजकल बेलन ही बस इदराक में।।

हद है मैं भी ढूंढता था आज तक।
कोकिला को एक मादा काक में।।

हाल मत पूछो मियाँ मटका बना।
वो कुम्हारिन बन घुमाती चाक में।।


                  ✍ डॉ पवन मिश्र

अहलिया= बीवी
इदराक= सोच

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