लोकतंत्र का पर्व निराला,
संविधान का ये रखवाला।
दस्तक देकर हमें बुलाये,
देखो वेला बीत न जाये।
पुण्य यज्ञ यह आहुति मांगे,
इसका हम सम्मान करें।
आओ सब मतदान करें।१।
चाचा चाची निकलो घर से,
धूप मिले या पानी बरसे।
आंधी-तूफ़ां कुछ भी आए,
लेकिन लक्ष्य न डिगने पाए।
मतकेन्द्रों तक जाना ही है,
दूर सभी व्यवधान करें।
आओ सब मतदान करें।२।
आज अगर आलस के मारे,
मत देने से चूके प्यारे।
तो अयोग्य चुनकर आएगा,
दोष तुम्हारे सर जाएगा।
आने वाली पीढ़ी के हित,
चलो राष्ट्र निर्माण करें।
आओ सब मतदान करें।३।
अपना मत अपनी मर्जी से,
ना दबाव, ना ही अर्जी से।
जाति-धर्म से ऊपर उठकर,
राष्ट्रवाद सर्वोपरि रखकर।
लोकतंत्र की रक्षा के हित,
चलो सभी प्रस्थान करें।
आओ सब मतदान करें।४।
✍️ डॉ पवन मिश्र
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