1)
मेरी प्यारी प्यारी अम्मा
जग में सबसे न्यारी अम्मा
मुझ पर सारा प्यार लुटाती
लड्डू पेड़ा मुझे खिलाती
रोज कहानी मुझे सुनाती
लोरी गाकर मुझे सुलाती
2)
रंग बिरंगी तितली रानी
मुझको लगती बड़ी सुहानी
दिन भर फूलों पर मंडराती
मानो उनसे रंग चुराती
इसको देखूं तो ललचाऊँ
मन करता है सँग उड़ जाऊं
3)
सुबह सुबह मेरी खिड़की पर
हर दिन है आती गौरैया
फुदक-फुदक कर घर आंगन में
खुशियां बिखराती गौरैया
चावल के दाने चुग चुग कर
फुर से उड़ जाती गौरैया
4)
जगमग जगमग दीपों वाली
दीवाली की रात निराली
बंटी झूमे बबली झूमे
जैसे जैसे चरखी घूमे
खील बताशे गट्टे खाते
सारे बच्चे धूम मचाते
5)
सुबह सवेरे सूरज चाचू
हमें जगाने आते हैं
अपनी किरणों से धरती का
हर कोना चमकाते हैं
रोज सवेरे जल्दी आकर
सबमें जोश जगाते हैं
अंधेरे से हर दम लड़ना
सीख यही सिखलाते हैं
6)
चंदा मामा मुझे बताओ
दूर गगन क्यों बसते हो
किससे तुमको डर लगता जो
दिन भर छुपकर रहते हो
मेरी इतनी बात मान लो
मुझको गले लगा जाओ
तारों की टोली को लेकर
मेरी छत पर आ जाओ
7)
पथ चाहे हो दुर्गम लेकिन
नदिया बहती रहती है
कल-कल कल-कल करते करते
हँस कर संकट सहती है
चलते जाओ चलते जाओ
बात यही बस कहती है
मेरी प्यारी प्यारी अम्मा
जग में सबसे न्यारी अम्मा
मुझ पर सारा प्यार लुटाती
लड्डू पेड़ा मुझे खिलाती
रोज कहानी मुझे सुनाती
लोरी गाकर मुझे सुलाती
2)
रंग बिरंगी तितली रानी
मुझको लगती बड़ी सुहानी
दिन भर फूलों पर मंडराती
मानो उनसे रंग चुराती
इसको देखूं तो ललचाऊँ
मन करता है सँग उड़ जाऊं
3)
सुबह सुबह मेरी खिड़की पर
हर दिन है आती गौरैया
फुदक-फुदक कर घर आंगन में
खुशियां बिखराती गौरैया
चावल के दाने चुग चुग कर
फुर से उड़ जाती गौरैया
4)
जगमग जगमग दीपों वाली
दीवाली की रात निराली
बंटी झूमे बबली झूमे
जैसे जैसे चरखी घूमे
खील बताशे गट्टे खाते
सारे बच्चे धूम मचाते
5)
सुबह सवेरे सूरज चाचू
हमें जगाने आते हैं
अपनी किरणों से धरती का
हर कोना चमकाते हैं
रोज सवेरे जल्दी आकर
सबमें जोश जगाते हैं
अंधेरे से हर दम लड़ना
सीख यही सिखलाते हैं
6)
चंदा मामा मुझे बताओ
दूर गगन क्यों बसते हो
किससे तुमको डर लगता जो
दिन भर छुपकर रहते हो
मेरी इतनी बात मान लो
मुझको गले लगा जाओ
तारों की टोली को लेकर
मेरी छत पर आ जाओ
7)
पथ चाहे हो दुर्गम लेकिन
नदिया बहती रहती है
कल-कल कल-कल करते करते
हँस कर संकट सहती है
चलते जाओ चलते जाओ
बात यही बस कहती है
8)
काले बादल काले बादल
मेरी छत पर आओ ना
गर्मी बढ़ती जाती देखो
पानी अब बरसाओ ना
सुनो जुलाई बीत रही है
अब तो तुम आ जाओ ना
आखिर क्यों रूठे हो हमसे
इतना तो बतलाओ ना
9)
चलें घूमने हम सब मेला
देखेंगे जादू का खेला
ऊंचे ऊंचे झूले होंगे
गुब्बारे भी फूले होंगे
ठंडी कुल्फी, गरम जलेबी
खुश है बंटी, खुश है बेबी
10)
सुबह ईश का ध्यान धरें हम
केवल अच्छे काम करें हम
सबसे मीठी वाणी बोलें
रिश्तों में मीठापन घोलें
सच का साथ कभी ना छोड़ें
दिल से दिल का रिश्ता जोड़ें
11)
अपना प्यारा भारत देश
सबसे न्यारा भारत देश
हम सब इसकी हैं संतान
सदा रखेंगे इसका मान
सकल विश्व में है पहचान
जय जय भारत देश महान
✍️ डॉ पवन मिश्र
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