हाथरस में बालिका संग बलात्कार के बाद उसकी नृशंस हत्या और प्रशासन की भूमिका से उपजा मुक्तक...
बहुत उम्मीद थी तुमसे मगर क्या चल रहा साहेब ?
दिखावा है महज या फिर तुम्हें भी खल रहा साहेब ??
वहाँ जो रौशनी सी दिख रही है दूर खेतों में,
जरा तुम गौर से देखो वहाँ कुछ जल रहा साहेब।।
✍️ डॉ पवन मिश्र
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