Thursday, 9 June 2016

भुजंगप्रयात छन्द- जपो नाम कान्हा


जपो नाम कान्हा वही है सहारा।
वही तारता है वही है किनारा।।
करे धर्म रक्षा वही मोक्षदाता।
सुनो विश्व का है वही तो विधाता।१।

उसी के सहारे धरा बोझ ढोती।
उसी की कृपा दृष्टि सर्वत्र होती।।
हमारी कन्हैया यही प्रार्थना है।
न कोई दुखी हो यही याचना है।२।

             ✍ डॉ पवन मिश्र

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