आज सुनायें एक कहानी।
बड़ी घमण्डी थी इक रानी।।
उस रानी का ऐसा बेटा।
जैसे मानो दधि सपरेटा।।
हरदम रटता माई माई।
उस पप्पू को अकल न आई।।
उसका इक मौसेरा भाई।
जिसको रानी सोन्या लाई।।
दिन भर ढूंढे नये बहाने।
लगे रायता वो फ़ैलाने।।
मोदी ही है नाव खिवैया।
अच्छे दिन आयेंगे भैया।।
✍ डॉ पवन मिश्र
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