बीए जबते पास किये हौ।
गरे मा हमरे फांस किये हौ।।
अत्ता भत्ता कछु नई मिलिहे।
फर्जी मा तुम आस किये हौ।।
तुमका कित्ता हम समझाइन।
फिरौ हमाये बांस किये हौ।।
हम जानित सब हिस्ट्री तुमरी।
काहे तुम बकवास किये हौ।।
फाड़ बतीसी देखि रहे जो।
अपने का परिहास किये हौ।।
कौड़ी कौड़ी बप्पा जोड़िन।
तुम पंचे सब नास किये हौ।।
-डॉ पवन मिश्र
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