Monday 23 January 2023

नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के जन्मदिवस पर

नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के जन्मदिवस पर (मनहरण घनाक्षरी)


मां भारती के पुत्र को, धैर्य के समुद्र को।

क्रांतिकारियों के आशुतोष को नमन है।

रण से जो भगा नहीं, क्षण भर डरा नहीं।

ऐसे सिंह शावक के, जोश को नमन है।

एक-एक जोड़कर, जिसने असंख्य किये।

जय हिन्द के उस, घोष को नमन है।

वीरगति पाने वाले, जग में छा जाने वाले।

नेताजी सुभाष चन्द्र बोस को नमन है।।


✍️ डॉ पवन मिश्र

Tuesday 17 January 2023

ग़ज़ल- जीना अब दुश्वार हुआ है

जीना अब दुश्वार हुआ है
सब कहते हैं प्यार हुआ है

शक-ओ-शुब्हा की बात नहीं अब
आंखों से इकरार हुआ है

उनके पैरों की दस्तक से
हर ज़र्रा गुलज़ार हुआ है

इश्क़, इबादत, नेकी अब तो
लोगों का व्यापार हुआ है

राजनीति के दाँव-पेंच से
लोकतंत्र लाचार हुआ है

शादी लायक छुटकी भी अब
होरी फिर लाचार हुआ है

     ✍️ डॉ पवन मिश्र

Friday 13 January 2023

ग़ज़ल- आओ फिर से बात करें

 कब तक बैठें दोनों गुमसुम आओ फिर से बात करें

हो जाएं इक दूजे में गुम आओ फिर से बात करें


कोई और नहीं आएगा रिसते घावों को भरने

किसका रस्ता देखें हम तुम आओ फिर से बात करें


अँधियारे ने पांव पसारा राहें दिखती हैं काली

उन राहों में भर दें अंजुम आओ फिर से बात करें


खामोशी की चादर ओढ़े इक दूजे को देख रहे

कब तक झेलें यार तलातुम आओ फिर से बात करें


कितनी बातें होती थीं तब छोटी-छोटी रातों में

दुहरायें वो दौर-ए-तकल्लुम आओ फिर से बात करें


✍️ डॉ पवन मिश्र


अंजुम- सितारे

तलातुम- बेचैनी

दौर-ए-तकल्लुम- वार्तालाप का दौर