Sunday 14 January 2024

ग़ज़ल- एकतरफा फ़ैसले के बाद क्या रह जाएगा

एकतरफा फ़ैसले के बाद क्या रह जाएगा
बस हमारे दरमियां इक फ़ासला रह जाएगा

खत्म कर देगा तिरा तर्ज़े तग़ाफ़ुल हर खुशी
जिंदगी में दर्द-ओ-गम का मरहला रह जाएगा

देख लेना ये अना तन्हा बना देगी तुम्हे
हमनवा कोई न होगा रास्ता रह जाएगा

माना उसको आईने से ही मुहब्बत है मगर
जब भी देखेगा मुझे वो देखता रह जाएगा

वो सिकन्दर जान पाया सारी दुनिया जीतकर
साथ जाएगा न कुछ भी सब धरा रह जाएगा

✍️ डॉ पवन मिश्र

तर्ज़े तग़ाफ़ुल- उपेक्षा का तरीका
मरहला- स्थान
अना- अहम, घमंड
हमनवा- साथ चलने वाला

No comments:

Post a Comment