Sunday 10 December 2017

भोजपुरी गीत- आइल बा परधानी के चुनाव हो


आइल बा परधानी के चुनाव हो।
बाढ़ि गईल केतनन के भाव हो।।

केहू गदहा लेके घूमे,
केहू कूकुर घोड़ा।
केहू दउड़े गांव गांव तक,
केहू थोड़ा थोड़ा।।
हर प्रत्याशी देखावे परभाव हो,
आइल बा परधानी के चुनाव हो।।

कुछ प्रत्याशी पाउच बांटे,
कुछ त बांटे पईसा।
कुछ मीठा मीठा बतिया के,
रंग जमावें अईसा।।
सब दिखलावें झूठ मूठ लगाव हो,
आइल बा परधानी के चुनाव हो।।

वोट के चक्कर में त बबुआ,
सुबह शाम अझुराइल बा।
बाद इलेक्शन के ई नेता,
खोजिहअ कहाँ लुकाइल बा।।
देखिहअ ईहे दी तोहके घाव हो,
आइल बा परधानी के चुनाव हो।।

रमेसर भईया तीन बेर से,
हारत हउवें परधानी।
एक बार त नाम से भउजी,
के भी लड़लें परधानी।।
मोछ पे तबहूँ न दे पवलें ताव हो,
फेर आ गईल परधानी चुनाव हो।।

सन्तो भाभी कहे लगली,
हमके जिन फुसलाईं।
अबकी हम न लड़ब चुनाव,
तनिको मत बहिकाईं।।
हमरा के ना कउनो अब चाव हो,
भाड़ में गईल परधानी चुनाव हो।।

                    ✍ डॉ पवन मिश्र

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