Monday 21 January 2019

दोहे- अवसरवादी राजनैतिक गठजोड़ के संदर्भ में



सत्ता की ही भूख है, सत्ता की ही प्यास।
कुत्ते सब जुटने लगे, हड्डी की ले आस।१।

मौसेरे भाई मिले, होने लगे करार।
हुवाँ हुवाँ करने लगे, मिलकर सभी सियार।२।

चोरों की बारात में, बुआ भतीजा साथ।
अवसरवादी भेड़िये, मिला रहे हैं हाथ ।३।

राजनीति के मंच पर, नंगा करता नाच।
भीड़ बजाए तालियां, खुश हो अर्थ पिशाच।४।

दल से दल मिलने लगे, दलदल हुआ विराट।
सबने मिलकर खड़ी की, लोकतंत्र की खाट।५।

                                ✍ डॉ पवन मिश्र


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