Saturday 18 July 2020

गीत- हम शब्दों के जादूगर हैं


हम शब्दों के जादूगर हैं, जादू करने आये हैं।
निष्ठुर हिय हित प्रेम पुष्प की, पौध संग में लाये हैं।।
हम शब्दों के जादूगर हैं, जादू करने आये हैं।।

पलकों की सूखी कोरों को हम चाहें तो नम कर दें।
शब्दों के मरहम से मन की पीड़ाओं को कम कर दें।।
तपते मरुथल पर हमने रिमझिम सावन बरसाये हैं।
हम शब्दों के जादूगर हैं, जादू करने आये हैं।१।

छलक पड़े आँसू तो उनको पल भर में मोती कर दें।
जीवन का नैराश्य मिटाकर आशाओं से हम भर दें।।
अँधियारे से लड़ने देखो कितने जुगनू लाये हैं।
हम शब्दों के जादूगर हैं, जादू करने आये हैं।२।

भौरों का गुंजार सुनाया कांटो का प्रतिकार किया।
एकाकी विरहन को हमने शब्दों का संसार दिया।।
हमने ही तो गीत मिलन के इन कण्ठों से गाये हैं।
हम शब्दों के जादूगर हैं, जादू करने आये हैं।३।
 
                                       ✍️ डॉ पवन मिश्र

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