Thursday 28 April 2016

प्रमाणिका छन्द- जगो सपूत भूमि के


जगो सपूत भूमि के,
उठो कि शस्त्र चूमि के।

पुकारती तुझे धरा,
कि घाव है अभी हरा।

प्रहार वक्ष पे सहो,
अजेय भाव में बहो।

करो विनाश पाप का,
कि राष्ट्र धर्म आपका।

 ✍डॉ पवन मिश्र



2 comments:

  1. वाह।। अतिउत्तम ।।।।

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  2. वाह।। अतिउत्तम ।।।।

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