Wednesday 18 May 2016

चौपाई- दधि सपरेटा


आज सुनायें एक कहानी।
बड़ी घमण्डी थी इक रानी।।

उस रानी का ऐसा बेटा।
जैसे मानो दधि सपरेटा।।

हरदम रटता माई माई।
उस पप्पू को अकल न आई।।

उसका इक मौसेरा भाई।
जिसको रानी सोन्या लाई।।

दिन भर ढूंढे नये बहाने।
लगे रायता वो फ़ैलाने।।

मोदी ही है नाव खिवैया।
अच्छे दिन आयेंगे भैया।।

        ✍ डॉ पवन मिश्र

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