Sunday 11 September 2016

चौपई- खाट पर चर्चा

अबकी गांव लगी चौपाल,
मत पूछो तुम उसका हाल।
कोशिश थी कि बने भौकाल,
लेकिन जमकर हुआ बवाल।१।

ये बातों के बब्बर शेर,
हवामहल सब इनके ढ़ेर।
हरदम करते केवल बात,
बातों में बीते दिन रात।२।

पी के भरने आया जोश,
फुर्र हुआ उसका भी होश।
वोटों की लगवाई हाट,
खान्ग्रेस की लुट गई खाट।३।

भीड़ न देखे आव न ताव,
बस बूझे खटिया का भाव।
ऐसी कस कर रेलमपेल,
हुइगा पप्पू फिर से फेल।४।

पप्पू भागा मम्मी पास,
बोला ये सब है बकवास।
राजनीति है कड़वी नीम,
दिखला दे बस छोटा भीम।५।

               ✍डॉ पवन मिश्र

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