Thursday 8 August 2024

गीत- राम विश्वास हैं

राम विश्वास हैं, पुण्य एहसास हैं।

घोर नैराश्य में राम ही आस हैं।।


भक्ति भी राम हैं, युक्ति भी राम हैं।

प्रेम का पाश भी, मुक्ति भी राम हैं।।

जिसपे घूमें धरा वो धुरी राम हैं।

राम गति में भी हैं, राम विश्राम हैं।।

राम त्यौहार हैं, राम उल्लास हैं।

घोर नैराश्य में राम ही आस हैं।१।


प्रेम का व्याकरण, आचरण राम हैं।

राम अंतस भी हैं, आवरण राम हैं।।

राम साकार हैं, भक्ति का सार हैं।

इस सकल सृष्टि का, राम आधार हैं।।

राम तृण से भी लघु, राम आकाश हैं।

घोर नैराश्य में, राम ही आस हैं।२।


भावना राम हैं, प्रार्थना राम हैं।

कामना राम हैं, साधना राम हैं।।

नाव भी राम हैं, राम पतवार हैं।

राम ही हैं खिवैय्या वही धार हैं।।

राम पावस, शिशिर, राम मधुमास हैं।

घोर नैराश्य में, राम ही आस हैं।३।


इस चराचर जगत का वो अस्तित्व हैं।

राम कण-कण में हैं, राम विभु तत्व हैं।।

मैं निहारूँ जहाँ राम ही राम हैं।

राम की छवि सुगढ़, राम अभिराम हैं।।

अश्रुओं की घड़ी में मधुर हास हैं।

घोर नैराश्य में राम ही आस हैं।४।


✍️ डॉ पवन मिश्र


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