सुन लो भैया सुन लो भैया, राजनीति की बातें।
बातों की ही खाते हैं सब, बातें ही दिन रातें।१।
सुन लो भैया सुन लो भैया, ऊ है बड़का नेता।
मुख में राम बगल में छूरी, जो अपने रख लेता।२।
सुन लो भैया सुन लो भैया, इनकी कारस्तानी।
करना-धरना कुछौ नहीं बस, जारी जंग जुबानी।३।
सुन लो भैया सुन लो भैया, सब मौसेरे भाई।
माल बाँट के आपस में सब, ढोंगी करे लड़ाई।४।
सुन लो भैया सुन लो भैया, पैसा के ये लोभी।
पल भर में ईमान बेच दें, दाम मिले बस जो भी।५।
सुन लो भैया सुन लो भैया, ये मेढ़क बरसाती।
इनकी बारिश बड़ी अनोखी, पांच साल में आती।६।
सुन लो भैया सुन लो भैया, ईश्वर दया दिखाये।
सन्मति इनको आ जाये तो, देश स्वर्ग बन जाये।७।
-डॉ पवन मिश्र
शिल्प- 16,14 मात्राओं पर यति तथा पदांत में दो गुरु।
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