Monday 4 January 2016

कुण्डलिया- सब मिल साथ रहे सदा


सब मिल साथ रहे सदा, मन में यही विचार।
ईश भजन करते रहे, पूरे हो सब कार।।
पूरे हो सब कार, किसी की आस न टूटे।
मस्त मगन सब रहे, किसी का साथ न छूटे।।
पवन करे अरदास, सितारे चमके झिलमिल।
गहरे तम की रात, मिटावें आओ सब मिल।१।

समरथ हे प्रभु आप हो, पूर्ण करो हर काज।
शीश नवाये हूँ खड़ा, दर्शन दीजो आज।।
दर्शन दीजो आज, पुकारूँ निस दिन तुमको।
कष्टों को हर नाथ, मिटाओ गहरे तम को।।
करे प्रार्थना पवन, दिखा दो हमको सतपथ।
तुम बिन कौन उपाय, प्रभो तुम सबसे समरथ।२।

                                  -डॉ पवन मिश्र


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