Tuesday 15 December 2015

दुर्मिल सवैया- सुन कृष्ण पुकार यही तुमसे


सुन कृष्ण पुकार यही तुमसे।
इस जीवन के सब कष्ट हरो।।

पथ सूझ रहा न किसी जन को।
मन में सबके उजियार भरो।।

मति ह्रास भई जग में सबकी।
भव सागर से तुम पार करो।।

कर जोरि करूँ विनती तुमसे।
वसुदेव सुनो अब आन परो।।

              -डॉ पवन मिश्र

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