Monday, 28 October 2024

ग़ज़ल- बताओ अक्स किसका है

चमकते चांद-तारों में बताओ अक्स किसका है

ये शबनम की फुहारों में बताओ अक्स किस का है


पहाड़ों और गारों में बताओ अक्स किसका है

वो गिरते आबशारों में बताओ अक्स किसका है


समंदर में किनारों में बताओ अक्स किसका है

नदी के बहते धारों में बताओ अक्स किसका है


गुलों में और ख़ारों में बताओ अक्स किसका है

चमन की इन बहारों में बताओ अक्स किसका है


चरागों में शरारों में बताओ अक्स किसका है

हर इक आईने में यारों बताओ अक्स किसका है


ख़ुदा का नूर ही है जो किये रौशन जहां सारा

नहीं तो इन नज़ारों में बताओ अक्स किसका है


✍️ डॉ पवन मिश्र


आबशारों= झरना

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