कभी आना तो अपने साथ गुड़-धानी लिए आना
हमारी तिश्नगी के वास्ते पानी लिए आना
गए हो छोड़कर जबसे बहुत गहरा अँधेरा है
अगर आना इधर तो यार ताबानी लिए आना
मैं तिनका ही सही लेकिन सहारा अंत तक दूंगा
परखना हो अगर तो आप तुग्यानी लिए आना
मिलेंगे, साथ बैठेंगे, निकालेंगे कोई रस्ता
सुनो हमदम तुम अपनी हर परेशानी लिए आना
किसी बच्चे से मिलना तो भुला देना जवां हो तुम
मेरी ख़ातिर भी उससे एक नादानी लिए आना
✍️ डॉ पवन मिश्र
ताबानी- प्रकाश
तुग्यानी- बाढ़
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